नरवल/कानपुर।
नरवल कस्बा में स्थित करीब दो सौ पुराना मां रावल माता का मन्दिर स्थापित है। अर्चना सिंह बुजुर्ग महिला ने बताया कि रावल देवी माता का मन्दिर ऐतिहासिक है। नवरात्रि में माता के दर्शनों के लिए अलग-अलग शहरों व ग्रामीण क्षेत्र के लोग दर्शन के लिए आते है माता सबकी मनोकामना पूरी करती है। सौ वर्षों से नवरात्रि की नवमी को पूजा-आराधना करके माता के जयकारों के साथ जवारा निकालते हैं। उन्होंने कहाकि यह परंपरा पिछले सौ वर्षों से चली आ रही है जिसे आज की युवा पीढ़ी भी माता के आशिर्वाद से जवारा निकालते हैं। रावल देवी माता के भक्तों ने धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ नवरात्र की दशमी पर जवारा जुलूस निकाला गया। जुलूस में देवी भक्त सांगों का प्रदर्शन किया। वहीं महिलाएं सिर में जवारा रख देवी गीत गाते चल रहीं थी। श्रद्घालु माता के जसगीतों की धुन पर झूमते हुए रावल देवी माता के पास बने तालाब तक पहुंचे और जवारा विसर्जित किया। भक्तों द्वारा जवारा विसर्जन से पहले नरवल गांव में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभा यात्रा में ग्राम प्रधान सुदीप शिवहरे, भी जवारा कमेटी साथ मौजूद रहे