अयोध्या। रामनगरी अयोध्या में आज रविवार को होने वाली भारतीय कुश्ती संघ की सालाना आम सभा को रद्द कर दिया गया है। यह फैसला WFI विवाद की वजह से लिया गया है। बैठक टालने का फैसला खेल मंत्रालय की रोक की वजह से लिया गया है।खेल मंत्रालय ने इस खेल संस्था और उसके अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाए गए विभिन्न आरोपों को देखते हुए सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी है।बता दें कि पहलवानों के आरोपों की जांच पूरी होने तक WFI की सभी गतिविधियों पर रोक लागू रहेगी।
26 रेसलिंग फेडरेशन के सदस्यों को होना था शामिल
बता दें कि आज अयोध्या में ये बैठक होनी थी।बैठक में देश भर के 26 रेसलिंग फेडरेशन के सदस्यों को शामिल होना था। बैठक में भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के इस्तीफे पर फैसला लिया जा सकता था।खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ को निर्देश दिया है कि सभी टूर्नामेंट रद्द करे।रैंकिंग टूर्नामेंट भी रद्द करने के निर्देश दिए गए हैं।यहां तक कि बृजभूषण शरण सिंह के गढ़ माने जाने वाले गोंडा में चल रहे टूर्नामेंट भी रद्द करने के निर्देश दिए गए हैं।खेल मंत्रालय के फैसले के बाद अब एक महीने तक कुश्ती महासंघ की ना कोई बैठक होगी ना ही कोई कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
संस्था के सहायक सचिव निलंबित
खेल मंत्रालय ने शनिवार को कुस्ती संघ के अध्यक्ष के बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के आरोपों को देखते हुए संस्था के सहायक सचिव विनोद तोमर को निलंबित कर दिया था।खेल मंत्रालय ने खेल निकाय के उचित कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए तोमर को निलंबित किया।शुक्रवार को बृजभूषण शरण सिंह के बेटे प्रतीक ने कहा था कि उनके पिता इस खेल संस्था की बैठक के बाद उनके खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर बयान जारी करेंगे।
निगरानी समिति गठित करने की घोषणा
खेल मंत्रालय ने भले ही बृजभूषण शरण सिंह को डब्ल्यूएफआई के रोजमर्रा के कामकाज से दूर रहने के लिए कहा है, लेकिन शनिवार को वो नंदिनी नगर में आयोजित एक कुश्ती प्रतियोगिता के दौरान मौजूद थे।खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बृजभूषण शरण सिंह और उनकी संस्था के खिलाफ चोटी के पहलवानों की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच के लिए शुक्रवार को निगरानी समिति गठित करने की घोषणा की थी। इस समिति के नामों की घोषणा अभी तक नहीं की गई है।
खेल मंत्रालय ने शनिवार को जारी विज्ञप्ति में कहा कि उसने डब्ल्यूएफआई के खिलाफ खिलाड़ियों की ओर से लगाए गए विभिन्न आरोपों की जांच के लिए निगरानी समिति गठित करने के सरकार के फैसले से भारतीय कुश्ती महासंघ को अवगत करा दिया है। विज्ञप्ति में कहा गया था कि जब तक निगरानी समिति की औपचारिक नियुक्ति नहीं हो जाती और वह डब्ल्यूएफआई के रोजमर्रा के कामों को नहीं संभालती, तब तक डब्ल्यूएफआई को तुरंत प्रभाव से अपनी सारी गतिविधियों को स्थगित करना होगा।
दरअसल बृजभूषण शरण सिंह पर देश के कुछ नामी पहलवानों ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। इन पहलवानों में विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और रवि दहिया भी शामिल हैं।