इमाम हसन की शहादत पर खिराज ए अकीदत पेश की गई।

संवाददाता दानिश खान,

कानपुर 03 सितम्बर खानकाहे हुसैनी में पैगम्बर ए इस्लाम के नवासे,जिगर गोशा ए रसूल जाने अली व बतूल हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम की यौम ए शहादत पर खानकाहे हुसैनी हज़रत ख्वाजा सैय्यद दाता हसन सालार शाह की दरगाह में मनकबत व नज़र पेशकर हज़रत सैय्यद इमाम हसन अलैहिस्सलाम को खिराज ए अकीदत पेश की गयी।
हज़रत ख्वाजा सैय्यद दाता हसन सालार शाह रह०अलै० की मज़ार पर गुलपोशी कर इमाम हसन को खिराज ए अकीदत पेश की गयी उलेमा ए कराम ने बताया कि हज़रत सैय्यद इमाम हसन अलैहिस्सलाम की शहादत 50 हिजरी सफ़र के महीने की 28 तारीख को हुई इमाम हसन जन्नत के नौजवानों के सरदार है उनकी सखावत पूरी दुनियां मे एक मिसाल है। नौजवानों को उनके बताए हुए रास्तों पर चलना चाहिए।
खानकाहे हुसैनी के खाक नशी खादिम इखलाक अहमद डेविड चिश्ती ने कहा कि रसूल ए खुदा अपने नवासों हज़रत इमाम हसन और हज़रत इमाम हुसैन से बहुत मोहब्बत करते थे हमे भी अहले बैत से मोहब्बत करने के साथ-साथ उनके बताए हुए रास्ते पर चलना चाहिए आज मुसलमान कुरान हदीस नमाज़ से दूर होता जा रहा है धर्म की शिक्षा से दूर होने वाला व्यक्ति बुराईयों के करीब चला जाता है इसलिए मुसलमान परेशान है। उसके बाद नज़र व दुआ हुई।
दुआ मे अल्लाह की बारगाह मे पैगम्बर ए इस्लाम, मौला अली, पंजतने पाक इमाम हसन, इमाम हुसैन कर्बला के शहीदों के सदके मे हम सबके गुनाहों को माफ करने, हमारे मुल्क सूबे व शहर मे अमनो अमान कायम रहने मुल्क को खुशहाली/तरक्की देने, मासूम बच्चों, बहू-बेटियों के साथ वहशी हरकत करने वालों पर कहर नाज़िल करने, खातून ए इस्लाम को खातून ए जन्नत के नक्शे कदम पर चलने वाला बना, बेटी-बेटों के इल्म मे तवज्जों देने की दुआ हुई।

खिराज ए अकीदत पेश करने में इखलाक अहमद डेविड चिश्ती, हाजी गौस रब्बानी, मोहम्मद शाहिद, मोहम्मद हफीज़, परवेज़ आलम वारसी, खादिम खानकाहे हुसैनी अफज़ाल अहमद, अल्ताफ अहमद, आफताब आलम, परवेज़ सिद्दीकी, मोहम्मद जावेद, शारिक वारसी, मोहम्मद मोहसिन आदि लोग मौजूद थे।

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