बहराइच हिंसा में मारे गए राम गोपाल मिश्रा की हत्या के आरोपियों के एनकाउंटर पर यूपी के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने उठाए सवाल?

लखनऊ।रविवार को बहराइच के महसी तहसील के महाराजगंज कस्बे में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए बवाल में रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।राम गोपाल मिश्रा की हत्या के मुख्य आरोपियों को नानपारा के हांडा बसेहरी नहर के पास मोहम्मद तालीम उर्फ शब्बू और सरफराज उर्फ रिंकू के पुलिस मुठभेड़ में घायल होने के बाद मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया था। वहीं तीन अन्य आरोपियों अब्दुल हमीद, फहीम और मोहम्मद अफजल को भी गिरफ्तार कर लिया गया था।आज शुक्रवार को सीजेएम आवास पर आरोपियों की पेशी होने के बाद पांचों आरोपियों को पुलिस की कड़ी सुरक्षा में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

बहराइच हिंसा के आरोपियों के एनकाउंटर पर विपक्ष सवाल उठा रहा है।आरोपियों के परिजनों का दावा है कि पुलिस आरोपियों को घर से उठाकर ले गई।अब उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह का बयान सामने आया है। सुलखान सिंह ने कहा कि एनकाउंटर पर अगर इस तरह का शक पैदा होता है तो इसकी जांच आवश्यक होती है।गिरफ्तारी घर से करने के बाद उसे बाहर दिखाना गलत है।इस दौरान यदि पैर में गोली मार दी गई है तो यह और भी गंभीर जुर्म है, हत्या के प्रयास का जुर्म है।सवाल उठ रहे हों तो जांच सीआईडी से कराई जानी चाहिए।

पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने कहा कि पुलिस बहुत दबाव में काम कर रही है,जिसकी वजह से वह निष्पक्ष कार्रवाई नहीं कर पा रही है।तमाम जगह कांवड़ियों ने कांवड़ यात्रा के दौरान तोड़फोड़ की आगजनी की,लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। सुलखान सिंह ने कहा कि अभी कौशांबी में इसी तरीके से जुलूस में मुसलमान के घरों पर रंग डाला गया, उसका कोई वीडियो बना रहा था तो उसका मोबाइल छीन लिया, झगड़ा हो गया,पुलिस ने थोड़ी बहुत कार्रवाई की तो उल्टे इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज सस्पेंड हो गया।सुलखान सिंह ने कहा कि लगता है कि अगर पुलिस कार्रवाई करती है तो सस्पेंड हो जाती है और अगर कार्रवाई नहीं करती है तो बहराइच जैसे कांड हो जाते हैं,तो पुलिसिंग के लिए अजीब सा माहौल हो गया है।इसपर सरकार को गंभीरता से सोचना चाहिए।

पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह के मुताबिक बहराइच में जो दंगा हुआ उसमें लोग नीचे से उकसा रहे थे,झंडा उखाड़ लिया, रेलिंग तोड़ दिया,यह क्रिमिनल एक्टिविटी है,इसमें भी कार्रवाई होनी चाहिए, वीडियो में यह भी देखना चाहिए कौन लोग उकसा रहे थे। सुलखान सिंह ने कहा कि पूरे मामले में जांच सीआईडी से करवाई जानी चाहिए क्योंकि स्थानीय पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने कहा कि एनकाउंटर अगर गलत करेंगे तो सवाल खड़े ही होंगे।आज भी 250 पुलिस वाले यूपी की जेलो में हैं,उनसे सबक लेना चाहिए,ऐसा नहीं करना चाहिए। सुलखान सिंह ने कहा कि एनकाउंटर कोई पॉलिसी का विषय नहीं है,इसमें अगर अपराधी पुलिस पर गोली चलाते हैं या भागने का प्रयास करते हैं तो ही पुलिस को बल प्रयोग करने का या फायरिंग का अधिकार है।गंभीर परिस्थितियों में पुलिस गोली चला सकती है,जिसका भारतीय कानून में प्रावधान है।

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