अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बेंच का फैसला इलाहाबाद हाईकोर्ट का 2005 का फैसला पलटा

संवाददाता- दानिश खान

तक़ी मोहम्मद (मैनेजर मदरसा फरूकिया पुराना कानपुर)ने किया फैसले का स्वागत और चीफ जस्टिस सहित सभी जजों का आभार व्यक्त किया।
आज दिनांक 08/11/2024 को आये हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक दर्जे की बहाली पर सभी मुस्लिम समाज व श्री तक़ी मोहम्मद (मैनेजर मदरसा फरूकिया) ने मुबारकबाद पेश की और कहा ये उपलब्धि न केवल AMU समुदाय ,प्रशासन व छात्रों के लिये बल्कि समूचे मुस्लिम समाज के लिये गर्व का विषय है क्योंकि AMU भारतीय मुस्लिम समाज के ऐतिहासिक और शैक्षणिक केंद्रों में से एक है।
विशेष रूप से वर्तमान वाईस चांसलर मैडम नईमा खातून और पूर्व कार्यवाहक वाईस चांसलर प्रोफेसर गुलरेज का आभार व्यक्त करते व चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ सिंह का विशेष आभार जिन्होंने मुकदमे को बारीकी से सुना व उचित फैसला किया । आगे उम्मीद रखते हैं कि AMU प्रशासन पिछड़े मुस्लिम समाज की सामाजिक और शैक्षिक स्तिथि में सुधार हेतु विशेष योजनाओ को प्रारंभ करेगा जिससे पिछड़े मुस्लिम समाज के लिये AMU में समान अवसर सुनिश्चित किया जा सके।
AMU के संस्थापक सर सैयद अहमद खान साहब ने कहा था ,इंसान की रूह बगैर तालीम के चितकबरे संग मर्मर की तरह है जब तक संग तराश उसे तराशता नही तब तक उसके खूबसूरत बेल बूटे छुपे रहते है यही हाल इंसान की रूह का है।तालीम इंसान की रूह को खूबसूरत बनाती है।
अब समय आ गया कि सभी वर्ग के लोगों को अनिवार्य रूप से नई पीढ़ी को तालीम के लिए जागरूक किया जाए।
ये फैसला उन समाजो के लिये चेतावनी भी है जो अभी तक खुद को तालीम से दूर रखें हैं । अब समय आ गया है कि सभी वर्ग के लोगो को तालीम के लिये जागरूक किया जाए।

तक़ी मोहम्मद – मैनेजर मदरसा फरूकिया, पुराना कानपुर, कानपुर नगर – 9307170166

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