संवाददाता मनीष गुप्ता
कानपुर “भारतीय अनुसंधान इतिहास परिषद” द्वारा प्रायोजित था l इसका विषय “हिस्टोरियॉग्राफी ऑफ बुंदेलखंड रीजन अप्रेजल प्रॉब्लम एंड चैलेंज” था l
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रबंध समिति के सचिव श्री पी. के. सेन, अध्यक्ष श्री पी के मिश्रा, सह सचिव श्री शुभ्रो सेन एवं प्राचार्या डॉ निशा अग्रवाल , मुख्य अनुशासक डॉ निशी प्रकाश द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर हुआ l डॉक्टर निशा अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि बुंदेलखंड का पौराणिक व राष्ट्रीय महत्व है ,इस कारण सेमिनार का यह विषय अत्यंत महत्वपूर्ण है l श्री पी.के. मिश्रा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की lमुख्य अतिथि जी ने अपने व्याख्यान में बताया कि ,बुंदेलखंड की समृद्ध एतिहासिक परंपरा को हमें सहेज कर रखना है तथा बुंदेलखंड का राष्ट्रीय दृष्टिकोण से पुनः इतिहास लेखन की आवश्यकता है l इसके बाद 2 तकनीकी सत्र भी हुए जिसमें 30 प्रवक्ताओं , शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों ने अपने शोध पत्र पढ़े l इतिहास की विभागाध्यक्षा एवं कार्यक्रम की संयोजिका डॉ मनीषा दीवान ने दो दिवस में हुए कार्यों, विचार विमर्श एवं निष्कर्ष की संक्षिप्त रिपोर्ट पढ़ी l संयुक्त सचिव, श्री शुभ्रो सेन ने छात्राओं को आशीर्वचन दिया l कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रीति पांडेय ,विभागाध्यक्षा शारीरिक शिक्षा विभाग ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ मनीषा दीवान कार्यक्रम की संयोजिका ने किया l कार्यक्रम में सक्रिय सहयोग डॉ. सारिका अवस्थी प्रवक्ता इतिहास विभाग ने दिया l महाविद्यालय के समस्त प्रवक्ता गण डॉ अलका टंडन, डॉ रेखा चौबे, डॉ मोनिका सहाय, डॉ प्रीति सिंह, डॉ मीनाक्षी व्यास, डॉ अनामिका राजपूत आदि उपस्थित रहे l उ.प्र. से बाहर के शिक्षकों ने भी सेमिनार में भाग लिया
2022-04-21