लखनऊ।समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और पार्टी पर कई आरोप लग रहे हैं।सबसे बड़ा आरोप आजम खान के मामले में सपा की ओर से आंदोलन नहीं करने का लग रहा है और ये भी कहा जा रहा है कि अगर सपा ने सही समय पर आजम खान के मामले को उठाया होता तो आजम खान इतने समय तक जेल में न रहते।सपा इन आरोपों से सीख लेते हुए अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं का उत्पीड़न रोकने के लिए सुपरफास्ट बन गई है।
सपा का आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल 27 अप्रैल को देवरिया जाएगा और सपा कार्यकर्ताओं पर दर्ज हुए मुकदमे की पड़ताल करेगा एवं पीड़ित परिवारों से मिलेगा। जिले के गौरीबाजार क्षेत्र में विधानसभा चुनाव के बाद सपा प्रत्याशी रहे अजय प्रताप सिंह उर्फ पिंटू, श्रीप्रकाश सिंह उर्फ नत्थू सिंह, ज्ञान प्रकाश सिंह, पिंटू यादव, हर्ष शर्मा, रघुराज प्रताप सिंह उर्फ बागी उर्फ अतंर्यामी, राजू सिंह सैथवार और धनेश यादव सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ मारपीट सहित गम्भीर धाराओं में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।आठों आरोपियों के खिलाफ देवरिया पुलिस अधीक्षक डा.श्रीपति मिश्र ने पचीस-पचीस हजार का इनाम घोषित कर दिया है। सपा की दलील है कि पार्टी कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमा दर्ज कराकर उसके बाद इनाम घोषित किया गया है।
सपा महासचिव रमाशंकर राजभर ने यहां यूनीवार्ता को बताया कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा का आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल इस पूरे मामले की जांच करेगा।प्रतिनिधिमंडल में विधानसभा में प्रतिपक्ष के पूर्व नेता राम गोविंद चौधरी, पूर्व मंत्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी, फेफना विधायक संग्राम यादव, पूर्व सांसद कनकलता सिंह, पूर्व सांसद रमाशंकर राजभर, पूर्व विधान पार्षद राम अवध यादव, सपा के राष्ट्रीय सचिव ओपी यादव और सपा के देवरिया जिला अध्यक्ष डा.दिलीप यादव को रखा गया है।