लखनऊ।उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार पार्ट-2 के बाद भारतीय जनता पार्टी के संगठन पर सभी की नजरे टकटकाई लगाएं हुए हैं।भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह योगी कैबिनेट में मंत्री हैं। भाजपा में एक व्यक्ति-एक पद की परंपरा रही है और इसी परंपरा के मुताबिक स्वतंत्रदेव सिंह को एक पद छोड़ना पड़ेगा।स्वतंत्रदेव सिंह योगी सरकार पार्ट-1 में भी मंत्री थे,लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव के बाद तत्कालीन अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय को मोदी कैबिनेट में शामिल करने के बाद स्वतंत्रदेव सिंह को इस्तीफा देना पड़ा था।तब स्वतंत्रदेव सिंह को यूपी भाजपा की कमान सौंपी गई थी।अब यूपी भाजपा की कमान छोड़ने की बारी स्वतंत्रदेव सिंह की है।
नए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कब होगी घोषणा
स्वतंत्रदेव सिंह को योगी सरकार में मंत्री बनाये जाने के बाद अभी तक नए यूपी भाजपा अध्यक्ष की घोषणा नहीं हो पाई है।स्वतंत्रदेव सिंह भी अपने मंत्रालय के कामकाज में मन लगाकर व्यस्त हो गए हैं।यूपी प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल भाजपा अध्यक्ष का काम देख रहे हैं।आधिकारिक तौर से स्वतंत्रदेव सिंह ही अभी अध्यक्ष हैं,लेकिन कामकाज की जिम्मेदारी सब सुनील बंसल के जिम्मे है। खास मौकों पर स्वतंत्रदेव सिंह ही जिम्मेदारी निभाते हुए नजर आते हैं।
नाम न ओपेन करने की शर्त पर भाजपा राष्ट्रीय संगठन के एक अधिकारी ने बताया कि यूपी में रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के परिणाम के बाद यूपी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा हो जायेगी। उन्होंने बताया कि यह तय है कि 2-3 जुलाई को तेलंगाना में होने वाली पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में यूपी भाजपा का नया अध्यक्ष ही भाग लेगा।
नया अध्यक्ष कौन होगा यह पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि नाम तय हो चुका है लेकिन इसकी आधिकारिक घोषणा के तहत ही किया जाएगा।चर्चा में चल रहे नामों को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि चर्चाओं का क्या, वो तो चलती ही रहती हैं,लेकिन आधिकारिक घोषणा पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व ही करेगा।
आपको बता दें कि यूपी भाजपा के नए अध्यक्ष के साथ ही यूपी के नए संगठन को भी नया रूप दिया जाएगा। भाजपा की परंपरा के मुताबिक नए प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ पूरी टीम का पुनर्गठन किया जाता है। इस वजह से मौजूदा टीम भी नए भाजपा अध्यक्ष का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रही है। हालांकि भाजपा अध्यक्ष पद के लिए कई नाम चल रहे हैं,लेकिन अनुमान लगाया जा रहा कि इस बार कमान किसी ब्राह्मण चेहरे को मिलेगी। इसमें सबसे ऊपर नाम उपमुख्यमंत्री रह चुके डॉ. दिनेश शर्मा,ऊर्जा मंत्री रह चुके श्रीकांत शर्मा,कन्नौज सांसद सुब्रत पाठक और नोएडा के सांसद डॉ. महेश शर्मा का चल रहा है।वहीं एक नाम आगरा से सांसद और केंद्र से मंत्री डॉ. एसपी सिंह बघेल का भी चल रहा है। इसके पीछे कारण यह दिया जाता है कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा यूपी में सपा से अपनी मुख्य लड़ाई मानकर चल रही है। इसे देखते हुए एसपी सिंह बघेल भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। क्योंकि बघेल ने विधानसभा चुनाव में सपा मुखिया अखिलेश यादव के खिलाफ चुनावी मैदान में ताल ठोकी थी और कड़ी टक्कर दी थी।एसपी सिंह बघेल पूर्व में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के सुरक्षा अधिकरी भी रह चुके हैं। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए उनके नाम पर भी विचार चल रहा है। नए अध्यक्ष का नाम भाजपा का शीर्ष नेतृत्व के अलावा किसी और को नहीं मालूम,लेकिन यह तय है कि नाम की घोषणा जल्द ही होगी।