ठोकिया ने गिरोह के साथ छह एसटीएफ जवानों को उतारा था मौत के घाट,15 साल बाद 13 को हुई उम्रकैद

बांदा यूपी।दस्यु सरगना अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया के साथ लगभग 15 साल पहले मुठभेड़ में शहीद हुए स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के छह जवान और मुखबिर की सामूहिक हत्या के मामले में अदालत ने 13 दोषियों की उम्रकैद की सजा सुनाई।इस मामले के तीन दोषियों की पहले ही मृत्यु हो चुकी है।

22 जुलाई सन 2007 को यूपी एसटीएफ ने बीहड़ का बेताज बादशाह खूंखार डकैत सात लाख का इनामी शिवकुमार पटेल उर्फ ददुआ, ठोकिया व छोटवा पटेल के लिए जबरदस्त जाल बिछाया।एसटीएफ की तीन टीमों ने एक ही दिन एक ही समय पर अलग-अलग स्थानों पर डकैतों के गिरोह पर जबरदस्त धावा बोला। एसटीएफ ने ददुआ,छोटवा पटेल समेत 10 डकैतों को बीहड़ के झलमल और इटवा जंगल में एनकाउंटर में मार गिराया।एसटीएफ की तीसरी टीम ने ठोकिया गिरोह पर भी ताबड़तोड़ फायरिंग की,लेकिन वो बच निकला।इस मुठभेड़ में ठोकिया का साथी मइयादीन पटेल मारा गया।सहसा के लोगों को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि ददुआ मारा गया है।दूरदराज इलाकों से जीप और ट्रैक्टर में लदकर लोग ददुआ को देखने आ रहे थे कि ददुआ दिखता कैसा है।

ददुआ की मौत से बौखलाया ठोकिया उसी रात जंगल से गाड़ियों से वापस आ रही एसटीएफ की टीम पर फतेहगंज थाना क्षेत्र के बघोलन के पास घात लगाकर अपने गिरोह के साथ हमला बोल दिया।ठोकिया के हमले में छह जवान शहीद हुए।इस हमले में पुलिस का मुखबिर भी मारा गया और एक अन्य मुखबिर घायल हुआ था।इंस्पेक्टर डीके यादव और एक सीओ स्तर के अधिकारी घायल होने के बाद भी अपनी जान की परवाह न करते हुए ताबड़तोड़ जवाबी फायरिंग करते रहे। ताबड़तोड़ फायरिंग से ठोकिया और उसका गिरोह पीछे हटा नहीं तो एसटीएफ के अत्याधुनिक असलहे भी लुट गए होते।

इस हमले में राजेश चौहान,लक्ष्मण शर्मा, गिरिश चन्द्र नागर, बृजेश यादव, उमाशंकर यादव, ईश्वर देव सिंह और मुखबिर रामकरन मारे गए थे।शिवकुमार अवस्थी,डीके यादव ,शरद, योगेश ,श्री चन्द्र यादव, बृजेश तिवारी, राममिलन सिंह, उपेंद्र सिंह, शैलेंद्र सिंह के अलावा मुखबिर श्रीपाल घायल हुए थे

इसके बाद एसटीएफ ने छह लाख का इनामी डकैत ठोकिया का सफाया करने की कसम खाई।लगभग 13 महीने तक जंगल की खाक छानने के बाद 4 अगस्त 2008 को यूपी एसटीएफ की उसी टीम ने ठोकिया को उसी के गांव सिलखोरी में मुठभेड़ में मार गिराया। एसटीएफ के तत्कालीन एसएसपी अमिताभ यश जिन्होंने ददुआ का भी इनकाउंटर किया था। उनकी टीम ने ठोकिया से अपने जवानों की शहादत का बदला लिया।

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