संताल हूल के नायक सिदो-कान्हू के वंशज आज भी जिंदगी जीने के लिए कर रहे संघर्ष

संवाददाता सरवर आलम

रांची।संताल हूल के नायक सिदो-कान्हू के वंशज आज भी जीवन यापन करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।कभी जल,जंगल और जमीन के लिए दुनिया की सबसे बड़ी फौज से लोहा लेने वाले महानायक के वंशज आज हर दिन जिंदगी की गाड़ी आगे बढ़ाने के लिए लड़ रहे हैं। परिवार के सदस्य मंडल मुर्मू ने सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है,लेकिन बेरोजगार हैं।

मंडल मुर्मू बताते हैं कि छह साल से सरकार का सिर्फ आश्वासन मिल रहा है।परिवार में स्नातक, इंटर और मैट्रिक पास एक-एक सदस्य हैं, जो मंडल मुर्मू की तरह काम की तलाश में हैं।

आपको बता दें कि सिदो के वंशजों में आज कुल 17 परिवार हैं और इनमें कुल 81 सदस्य हैं।परिवार में 22 बच्चे हैं,जो अभी पढ़ रहे हैं। 17 परिवारों में छह परिवार के सात लोगों के पास नौकरी है और अन्य 52 लोग खेती बारी करते हैं।11 परिवार के 32 लोग खेती पर निर्भर हैं। बारिश ने साथ दिया तो खेती होती है नहीं तो खाने के लाले पड़ जाते हैं।

सिदो के वंशज में मात्र सात को नौकर

भागवत मुर्मू उम्र 35 साल कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में आदेशपाल के रूप में कार्यरत है।

अर्चना सोरेन उम्र 30 साल बोरियो प्रखंड में राजस्व कर्मचारी है।

साहेबराम मुर्मू उम्र 35 साल बरहरवा प्रखंड में राजस्व कर्मचारी है।

भादो मुर्मू उम्र 37 साल बरहेट प्रखंड कार्यालय में अनुसेवक हैं।

अंजुला हेम्ब्रम उम्र 27 साल बरहरवा प्रखंड

कार्यालय में लिपिक।

मीना हेम्ब्रम उम्र 28 साल पतना प्रखंड में लिपिक है।

बड़ा भादो मुर्मू उम्र 43 साल साहेबगंज कॉलेज में चपरासी के पद पर।

चार सदस्य पढ़े लिखे पर हैं बेरोजगार

मंडल मुर्मू उम्र 26 साल डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग।

उर्मिला सोरेन उम्र 30 साल स्नातक उत्तीर्ण।

शीला हांसदा उम्र 26 साल इंटर पास, खेती-बाड़ी।

हेमा मुर्मू उम्र 20 साल मैट्रिक पास।

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