कुएं में गिरे मवेशी को बचाने के लिए कुएं में उतरे थे सभी युवक
ग्रामीणों ने पुलिस पर लगाया आरोप समय रहते एंबुलेंस आ जाती तो युवकों की बच सकती थी जान डेढ़ घंटे बाद मौके पर पहुंची पुलिस
बिल्हौर थाना क्षेत्र के गौरी गांव निवासी मेवा लाल की पड़िया रविवार शाम गांव में मौजूद 25 फुट गहरे कुएं में गिर गई थी। उसे निकालने के लिए मेवालाल के भाई रामगुलाम का 18 वर्षीय पुत्र प्रदीप रामकुमार के 20 वर्षीय बेटे शैलेंद्र के साथ रस्सा बांधकर कुएं में उतरा था। दोनों ने पडिया को रास्से में बांध दिया लेकिन जब तक उसे ऊपर ला पाते उससे पहले ही दोनों युवक जहरीले गैस की चपेट में आकर अचेत होकर गिर पड़े। ग्रामीणों द्वारा आवाज देने के बाद भी जब दोनों युवकों में कोई हरकत नहीं हुआ तो शैलेंद्र का छोटा भाई 19 वर्षीय योगेंद्र भी कुएं में उतर गया और दोनों को निकालने से पहले वह भी अचेत होकर गिर पड़ा। तीनों के बेहोश होने पर गांव में हड़कंप मच गया और तीनों को बचाने के लिए मेवालाल के 42 वर्षीय भाई राम बहादुर को रस्सी बांधकर कुएं में उतारा गया। राम बहादुर आधी दूरी तक ही पहुंचे थे कि अचेत होने लगे जिस पर ग्रामीणों ने रस्सी खींच कर उन्हें बाहर निकाल लिया और उपचार के लिए सीएचसी भेजा । ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने कुछ ग्रामीणों के मुंह में गीला कपड़ा बंधवाकर उन्हें कुएं में उतारा और 1 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद कुएं में अचेत पड़े तीनों युवकों को कुएं से बाहर निकाला गया और उन्हें उपचार के लिए सीएचसी ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद सभी को कानपुर रिफर कर दिया। देर रात हैलट अस्पताल में डॉक्टरों ने प्रदीप शैलेंद्र और योगेंद्र को मृत घोषित कर दिया। वहीं रामबहादुर की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। वहीं तीनों युवकों की एक साथ मौत की खबर से पूरे गांव में मातम छा गया। जहां प्रदीप की मौत से रामगुलाम के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा वहीं राम कुमार की पत्नी दोनों बेटों की एक साथ मौत की सूचना मिलते ही गश खाकर गिर पड़ी।
वहीं ग्रामीणों ने मूर्क्षित सभी लोगों को सीएचसी से कानपुर के लिए बिना आक्सीजन की एंबुलेंस से भेजने को लेकर जमकर हंगामा काटा।