बसों में खुलेआम लादा जा रहा प्रतिबंधित व टैक्स चोरी का माल

नदीम सिद्दीकी

कानपुर/देश की चौपट होती अर्थव्यवस्था की फिक्र न तो किसी आम आदमी को हैं ना ही किसी सरकारी महकमे को है पैसे की चमक इंसान पर इस कदर हावी है कि लोग कमाई वाला कोई भी काम हो उसे अंजाम देने में जरा भी संकोच नहीं कर रहे है चाहे वो प्रतिबन्धित वस्तुओं की तस्करी ही क्यों ना हो उन्हें तो बस पैसे कमाने से मतलब है इससे देश व राजस्व को होने वाली क्षति से उनका कोई लेना देना नही है कानपुर झकरकटी स्थित शहीद मेजर सलमान अंतरराज्जीय बस अड्डे पर बसो में अवैध वस्तुओं व टैक्स चोरी की तस्करी खुलेआम की जा रही है बिना लिखा पढ़ी के माल की तस्करी से प्रदेश की सुरक्षा के साथ भी खुलकर खिलवाड़ किया जा रहा है रोडवेज बसों में बिना किसी जाँच पड़ताल व चेकिंग के कमर्शियल पार्सलो को आसानी से बसों द्वारा परिवहन कराया जा रहा है ये सारा खेल फर्जी ट्रेवल्स के ठेकेदार की देख रेख में बस अड्डे की दीवार के पीछे खुलेआम हो रहा है बिना जांचे परखे बुक किया कमर्शियल माल को बसों में भूसे की तरह लादा जा रहा है जिसे चालक परिचालक पूरी ईमानदारी के साथ दूसरी पार्टी को सौप देते है उनको इससे कोई भी लेना देना नहीं है कि उस पार्सल में बम , हथियार , चरस , गांजा व मादर्थ पदार्थ या फिर राजस्व को क्षति पहुचाने वाली वस्तु ही क्यों ना हो इसके एवज में चालक परिचालक को एक मोटी रकम क्षेत्रीय फर्जी ठेकेदारो से मिलती है चालको परिचालको की कृपा दृष्टि के कारण ही प्रदेश की ज्यादातर बसों में ये धंधा जोरो पर चल रहा है रेलवे पार्सल में सख्ती बढ़ जाने के कारण व्यापारियों ने रोडवेज को ही टैक्स चोरी के माल का सुरक्षित अड्डा बना लिया है इसमें माल पकड़ने व चोरी होने का भय भी नहीं रहता है व्यापारियों को बस में परिवहन करने की भी जरूरत नहीं पड़ती है बिना जीएसटी के माल की इतनी सुरक्षित डिलीवरी कही और मिलना नामुमकिन है शायद यही वजह है कि टैक्स चोरी कर रहे कारोबारियों को रोडवेज बसो से ज्यादा कोई और सुरक्षित जगह नजर ही नहीं आती है फर्जी ट्रेवल्स ठेकेदारों द्वारा बेईमानी का काम भी ईमानदारी से किए जाने की वजह से परिवहन विभाग को रोजाना लाखो के राजस्व का नुकसान हो रहा है वही जीएसटी विभाग को भी प्रतिमाह करोड़ो की चपत लगाई जा रही है भूसे की तरह माल भरने से बसे भी खस्ताहाल व कबाड़ हो रही है जानते बूझते हुए विभाग चुप्पी साधे हुए है आश्चर्य होता है कि अभी तक जीएसटी अधिकारियो की दृष्टि रोडवेज बसों पर लदे माल पर क्यो नही पड़ी है या फिर सब मैनेज किए जा चुके है दूसरी तरफ व्यापारियों के बढ़े हौसलो के कारण प्रतिबन्धित वस्तुओं को भी बड़ी आसानी से परिवहन किया जा रहा है जिससे शहर में विस्फोटक पदार्थ की तस्करी का भी खतरा बढ़ जाता है इसकी रोकथाम के लिए प्रशासन ने कई बार तस्करी की धर पकड़ भी की है परंतु चालक परिचालक व सम्बन्धित अधिकारियों की मिलीभगत के कारण ये धंधा आसानी से बस अड्डे पर अपनी जड़ें जमाकर शाखाए फैलाए हुए है ।

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