बदायूं से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे शिवपाल सिंह यादव, सपा फिर बदल सकता है प्रत्याशी, जानें कौन सी सीट है शिवपाल की पसंद

बदायूं।उत्तर प्रदेश के बदायूं में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासत करवट ले सकती है। बदायूं लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी एक बार फिर प्रत्याशी बदल सकती है।चर्चा है कि शिवपाल सिंह यादव बदायूं से चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं।शिवपाल किसी और लोकसभा से चुनाव लड़ना चाहते हैं।

सपा के दिग्गजों में हर स्तर पर दो तरह की राय सामने आईं हैं। एक बड़ा वर्ग दो बार बदायूं से सांसद रहे धर्मेंद्र यादव को फिर से प्रत्याशी बनाना चाहता है, जबकि सपा के ही कुछ नेता धर्मेंद्र यादव से खफा हैं।वे उनको न लड़ाए जाने का आग्रह पिछले दिनों सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी कर चुके हैं। इसके बाद ही धर्मेंद्र यादव की जगह पर शिवपाल सिंह यादव का नाम आया था।

सपा सूत्रों का कहना है कि खुद शिवपाल सिंह यादव बदायूं से चुनाव लड़ने के लिए उत्साहित नहीं हैं।संभल उनकी पसंद बताई जा रही है। इसलिए पहले उनका बदायूं आगमन टला, फिर लगातार दूसरी बार उनके बेटे आदित्य यादव का भी दौरा टल गया। आदित्य यादव को अपने पिता शिवपाल सिंह यादव की चुनावी कमान संभालने के लिए यहां आना था। उनका दो बार दौरा लगा पर एक बार भी नहीं आए।

रविवार को पता चला कि आदित्य यादव सोमवार को आ रहे हैं।सपाइयों ने आदित्य यादव के स्वागत और चुनावी अभियान की शुरूआत को लेकर तैयारी बैठक कर ली, लेकिन शाम सात बजे आदित्य यादव का कार्यक्रम निरस्त होने की जानकारी सामने आई। इसकी पुष्टि सपा के स्थानीय पदाधिकारियों ने भी की।बताया गया कि आदित्य यादव का कार्यक्रम टल गया है। इससे अब प्रत्याशी बदले जाने की संभावना जताई जाने लगी है। इसकी पुष्टि इससे भी होती है कि अब तक कोई चुनावी बैठक भी नहीं हुई है। फिलहाल, स्थानीय पदाधिकारियों की निगाहें नेतृत्व के फैसले पर टिकी हैं।

लोकसभा चुनाव का बिगुल कभी भी बज सकता है।चुनाव बिसात भी बिछने लगी है।भाजपा ने प्रत्याशी को लेकर अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं।बदायूं मुस्लिम और यादव बहुल है। इसी समीकरण से किसी समय यह सपा की मजबूत सीट मनानी जाती थी,लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव के चचेरे भाई सांसद रहे धर्मेंद्र यादव को शिकस्त देने के लिए भाजपा ने संघमित्रा मौर्य को मैदान में उतारा था।धर्मेंद्र यादव चुनाव हार गए थे।चुनाव के बाद सियासी घटनाक्रम बदलता रहा। संघ मित्रा के पिता स्वामी प्रसाद मौर्य सपा में रहे। सपा में रहते केंद्र व प्रदेश सरकार पर जमकर सियासी हमले किए। तब से भाजपा के अंदर उनकी बेटी संघमित्रा के टिकट लेकर संशय हो गया है। पहली लिस्ट में नाम न आने पर संशय और बढ़ा है।

बदायूं लोकसभा सीट पर कब्जा करने के लिए सपा ने शिवपाल सिंह यादव को चुनावी मैदान में उतारा है।यह अलग बात है कि शिवपाल सिंह यादव के आने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरबानी, सपा राष्ट्रीय सचिव रहे आबिद रजा की चुनौती सामने आई है। दोनों ने सेक्युलर फ्रंट बनाकर सहसवान में बड़ी रैली की। इसके बाद सपा के लिए एक चुनौती सामने आ रही है।

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