श्री साईं आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज द्वारा प्रधान मन्त्री टीबी मुक्त भारत अभियान का हुआ आयोजन

नई दिल्ली /अलीगढ़ :- Zameer Ahmad

अलीगढ़ स्तिथ श्री साईं आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल अलीगढ़ द्वारा प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान का कार्यक्रम संचालित क़िया गया जिसकी अध्यक्षता श्री साईं आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज से चिकित्सक की डिग्री प्राप्त कर रुदौली की डाक्टर सुंन्दुस मारूफ खान द्वारा क़िया गया जिसमे गांव गांव जाकर ग्रामीणों की जनता को व प्राथमिक विद्यालयों मे बच्चों को टीबी के प्रति जागरूक क़िया गया डाक्टर सुंन्दुस मारूफ खान ने लोगो को जागरूक करते हुए कहा कि हाल ही मे छय रोग( TB)के खिलाफ देश भर मे आयुर्वेद के माध्यम से लड़ाई मे तेजी लाने और वर्ष 2025 मे हि रोग को ख़त्म करने की प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान का शुभारम्भ क़िया गया है! डाक्टर सुंदुश मारूफ खान ने टीम की अध्यक्षता करते हुए आज अलीगढ़ के सी. एस. भाकरी स्कूल मे आरोग्य पाठशाला कैंप लगा कर बच्चों को रोग के प्रति जानकारी देते हुए बताया कि ये रोग माइकोबैकटिरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु के कारण होता है ये आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करता है लेकिन शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित करता है! डाक्टर सुंन्दुस ने इसके पश्चात अपनी डाक्टरो की टीम लेकर अलीगढ़ स्तिथ गांव मेहरावल पहुँची जहाँ लोगो को जागरूक करते हुए बताया कि यह एक इलाज योग्य और साध्य रोग है लेकिन इसके विषय मे हम सभी को जागरूक होना जरुरी है क्यूंकि टी बी रोग हवा के माध्यम से एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति मे फैलता है अब पलमोनरी टी बी से पीड़ित कोई व्यक्ति खाँसता, छीकता या थूकता है तो वह टीबी के कीटाणु को हवा मे फैला देता है इसके बाद अभियान मे उपस्तिथ डाक्टर रश्मि ने बताया कि पलमोनरी टी बी के सामान्य लक्षणो मे बलगम, कई बार खून के साथ खांसी और सीने मे दर्द, कमजोरी, वजन कम होना, बुखार और रात को पसीना आना भी टी बी रोग के लक्षण है वहीं टीम की अध्यक्षता कर रहीं डाक्टर सुंन्दुस ने कहा कि टी बी रोग को समाप्त करने मे भारत की प्रतिबद्धता को पूरा करने मे सभी लोगो की व सभी समुदाय की भागीदारी आवश्यक है. आप को बता दे कि अलीगढ़ स्तिथ श्री साईं आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल के काबिल डाक्टरो की एक टीम द्वारा सुप्त तपेदिक संक्रमण (एलटीबीआई) यानी टीबी के प्रति देश में जागरूकता लाने और आयुर्वेद में इसका सफल उपचार उपलब्ध होने की जानकारी के प्रचार -प्रसार के उद्देशय से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आज 16 अप्रैल को शुरू हुआ।
 इस अभियान में विशेष रूप से  आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी व डाक्टरो ने भाग लिया! देश ही नहीं दुनिया की बड़ी आबादी एलटीबीआई  से पीड़ित है इसमें टीबी के  जीवाणु  शरीर में सुप्तावस्था में रहते हैं और इससे बचाव के लिए विभिन्न रक्त परिक्षण या टीएसटी टेस्ट करवाने जरूरी होता है और अगर इसमें कोई भी परिक्षण अगर पॉजिटिव रहता है तो एक्स रे करवाना जरूरी होता है। इसके अलावा  कार्यशाला में  सुप्त क्षय रोग संक्रमण और आयुर्वेदिक प्रबंधन की जानकारी दी गई। रोग को समझने और इसके उपचार एवं प्रबंध के विषय में दो दिवसीय प्रधानमंत्री के टी बी मुक्त भारत अभियान चलाया गया । इसके अलावा लोगो को आयुष मंत्रालय और स्वस्थ्य मंत्रालय की टीबी से जुडी  विभिन्न  योजनाओ की जानकारी दी गई । प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के टीबी मुक्त भारत अभियान को जन जन तक कैसे पहुँचाया जाए इस पर भी चर्चा हुई । इस कार्यक्रम मे मुख्य रूप से टीम की अध्यक्षता  कर रहीं डाक्टर सुंदुश मारूफ खान, डाक्टररश्मि, डाक्टर दिक्शा, डाक्टर पारुल, डाक्टर काजल, डाक्टर नीलम, डाक्टर अनिल सहित तमाम डाक्टर, ग्राम प्रधान व सैकड़ो ग्रामीण उपस्तिथ थे.

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