रिपोर्ट सरवर आलम
वाराणसी।देवाधिदेव महादेव का सबसे प्रिय सावन माह का कल पहला सोमवार है।आध्यात्मिक नगरी काशी में आस्था का मेला उमड़ने लगा है।चारो तरफ बम-बम बोल रही है काशी की गूज गूंजने लगी है।अपने आराध्य के रंग में अन्तरमन के साथ काशी केसरियामय होने लगी है।कल पहले सोमवार को पांच लाख बाबा विश्वनाथ के भक्तों के आने का अनुमान है।
आपको बता दें कि द्वादश ज्योर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर में इस बार सावन महीने में बाबा विश्वनाथ के भक्तों को खास सुविधाएं मिलेंगी हैं।विश्वनाथ धाम का लोकार्पण और कोरोना काल के बाद पहली बार भक्त नए बने गंगा द्वार से सीधे गंगा से जल लेकर बाबा विश्वनाथ के दरबार में जलाभिषेक करेंगे।बाबा विश्वनाथ के भक्तों के लिए बड़े पंडाल,रेड कारपेट, पेयजल,एलईडी पर सीधे दर्शन,दिव्यागों और अशक्तों के लिए ई-रिक्शा,विभिन्न भाषाओं में एनाउंसमेंट की सुविधा मिलेगी।
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम बन जाने के बाद ये पहला सावन का माह है।पिछले दो साल से कावड़ यात्रा भी बंद थी।इसलिए मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए खास इंतजाम किए गए हैं।मंदिर में आसानी से प्रवेश के लिए सभी रास्तों पर सुगमता की व्यवस्था की गई है।उन्होंने कहा कि इस बार श्रद्धालुओं को नया अनुभव यह होगा कि गंगा द्वार से गंगा जल लेते हुए श्रद्धालु सीधे मंदिर में पहुंचकर बाबा का जलाभिषेक कर सकेंगे।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा मंदिर चौक में ही बड़े पंडाल से श्रद्धालुओं का धूप और बारिश से बचाव भी हो सकेगा।मैट, कैनोपी, पेयजल की भी व्यवस्था की गई है।उन्होंने बताया कि मैदागिन से गोदौलिया वाले मार्ग पर दिव्यांग या अशक्त श्रद्धालुओं के लिए ई-रिक्शा की व्यवस्था रहेगी। गत वर्ष की तुलना में ज्यादा सुविधा इस बार श्रद्धालु को मिलेगी। इस बार पीए सिस्टम पर विभिन्न भाषाओं में उद्घोषणाएं होंगी।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि रेड कारपेट, मेडिकल और परंपरागत टीवी के अलावा 12 बड़ी एलईडी टीवी भी लग रही हैं।जिस पर श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के लाइव दर्शन कर सकेंगे।उन्होंने आगे सुगम दर्शन और आरती के टिकट रेट बढ़ जाने के पीछे की वजह भी बताई।विशेष पर्वों पर सुगम दर्शन के तहत इस बार 10-15 रुपए ही बढ़ाया गया है,क्योंकि निर्माण भी काफी हुआ है और श्रद्धालुओं को नई सुविधा भी दे रहे हैं। इसीलिए दरों को थोड़ा ही बढ़ाया गया है।इस बार भी डाक से भक्त बाबा के प्रसाद को पा रहे हैं।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने मंदिर में प्रवेश और बाहर निकलने के बारे में बताया कि सभी परंपरागत मार्गों से प्रवेश और बाहर निकलने का मंदिर में रहेगा।इसके साथ ही एक नया मार्ग गंगा द्वार से भी श्रद्धालु सीधे गंगा जल लेकर मंदिर में आ सकेंगे।उन्होंने सावन के पहले सोमवार पर आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ की संख्या के बारे में बताया कि इस विश्वनाथ धाम का लोकार्पण और कावड़ यात्रा के शुरू होने के कारण 3-5 लाख श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने आएंगे।जबकि आम दिनों में एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु आते हैं।