रिपोर्ट,संजय भदौरिया
भाग्यनगर/औरैया।
ग्राम पंचायत कोठीपुर विकासखंड भाग्यनगर में एक दलित विधवा भूमिहीन महिला उर्मिला देवी जिसके पास एक कायदे की झोपड़ी भी नहीं है। कई बरसों से एक मकान के लिए तरस रही है पिछले वर्ष तहसील से आर्थिक सहायता मिली 3500 रुपए तो आस जगी कि सायद एक गरीब का आवास का सपना पूरा होगा। इसके बाबजूद भी कर्मचारियों की संबेदनहीता ने इस महिला का सपना चकना चूर कर दिया। यह महिला जब आवास की फीडिंग कराने ब्लॉक गई तो उससे कह दिया गया। कि तुम्हें 2014 में आवास मिल चुका है और उसे अपात्र घोषित कर दिया गया। किसी भी कर्मचारी ने इतनी संवेदना नहीं दिखाई कि चंद कदम पर बैंक में जाकर देखले कि वास्तब में इस महिला के खाते में रुपया पहुंचा कि नहीं इतनी फुरसत किसी के पास कहां है। जब एक महिला पत्रकार ने बैंक जाकर देखा। महिला के खाते में कोई भी रुपया नहीं पहुंचा। जब महिला पत्रकार ने जिले के अधिकारियों से कई बार सम्पर्क किया तो बहुत ही मुश्किल से उस महिला का मुख्यमंत्री आवास फीड हो सका। लेकिन फिर देखिए कर्मचारियों की संवेदन हीनता कि उस महिला आवास 2022-23 के लिऐ फ़ीड करा दिया 1 साल के लिए फिर उस महिला को झोपड़ी। में रहने के लिए मजबूर कर दिया बरसात के मौसम में कैसे कटेगी इस आवास विहीन महिला की झोपड़ी में रातें।
कोठीपुर ग्राम पंचायत का मामला आखिर क्यों नहीं ले रहे हैं उच्च अधिकारी इस मामले को अपने संज्ञान में।