सवाददाता दानिश खान,
कानपुर आज दिनांक 12 सितंबर को शहर काजी कानपुर मौलाना मुफ्ती मोहम्मद साकिब अदीब मिस्बाही साहब ने ईद मिलादुन्नबी के मौके पर शहर से उठने वाले जुलूस ए मोहम्मदी एवं जश्ने चिराग के संबंध में जरुरी दिशा निर्देश बताते हुए दारुल क़ाज़ी दारूल उलूम अशर्फिया अहसनुल मदारिस जदीद रजबी रोड़ कानपुर से गाइडलाइन जारी की, जिसमें पैगंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के नाम से उनके यौमे पैदाइश पर उठने वाले जुलूस ए मोहम्मदी को अदब और एहतराम का खास ख्याल रखते हुए निकालने की गुजारिश की गई और नसीहत की गई कि बड़ी अकी़दतो मुहब्बत हुस्नों अख्लाक का आला नमूना पेश करते हुए जुलूस में शामिल हो ।
सभी अंजुमनों एवं जुलूस में शामिल होने वाले लोगों को निम्न दिशा निर्देश जारी किए गए।
नंबर 1 जुलूस ए मोहम्मदी में ज्यादा से ज्यादा तादाद में शामिल हो जुलूस की अजमत को बरकरार रखते हुए अदब और एहतराम से चले ।
नंबर 2 जुलूस में शामिल होने वाले लोग खुशबू लगाएं साफ कपड़े पहने सरो पर अमामा बंधे या टोपी लगाकर अदब से चले ।
नंबर 3 ज्यादा से ज्यादा दरूद शरीफ पढ़े कुरान पाक की तिलावत करें नात शरीफ पढ़ें म्यूजिक वाली नात से बचें बेहतर तरीका है खुद दुरुद ओ सलाम पढ़ें और लोगों को भी पढ़ने के लिए कहे ।
नंबर 4 जुलूस में आगे पीछे को लेकर बहस न करें बल्कि नम्बर से शामिल हो जो पहले आए आगे चले जो बाद में वह पीछे किसी तरह की अफरा तफरी ना हो ।
नंबर 5 डीजे का इस्तेमाल हरगिज़ न करें बल्कि साउंड लगाकर खुद नातें पढ़ें और अपने बच्चों को भी पढ़ने का मौका दें ताकि आगे चलकर बच्चे नात शरीफ अच्छे अंदाज से पढ़ सके।
नंबर 6 झंडे 10 फिट से ऊंचे कतई न रखें, पिछले हादसे के मद्देनजर झंडा इतना ही ऊंचा हो कि पूरा तरह आपके नियंत्रण में रहे।
नम्बर 7 झंडे में लोहे की छड़ अथवा लोहे के चांद का इस्तेमाल ना करें लकड़ी के इस्तेमाल के साथ झंडा लेकर चले।
नंबर 8 गाडियां जिसमें आपको साउंड अथवा लंगर रखना है कि इंट्री पहले से करवा दें ताकि जुलूस के समय किसी तरह की दिक्कत से बच सके मगर याद रखें उसे सवारी न बनाएं बच्चों को बेठने/ बैठाने से कतअन रोके
नम्बर 9 यह पैगंबरे इस्लाम के नाम से जुलूस है इसमें किसी तरह के सियासी नारे ना लगाएं बल्कि आक़ा की आमद मरहबा आका़ की पैदाइश से मनसूब नारे ही लगाएं।
नंबर10 जश्ने चिराग के दिन ज्यादा से ज्यादा सजावट करें अपने घर गली मोहल्ले को सजाए मिलाद की महफिल मनाएं जलसे लंगर करें कुरान खानी करें नात शरीफ की महफिल करें ।
नंबर 11 हमें क़दम क़दम पर इस बात का ख्याल रखना है कि हम किस अजीम नबी का मिलाद मना रहे हैं जिन्होंने दुनिया को इंसानियत सिखाया भेदभाव उच्च नीच का फर्क मिटाया हमें उनकी उस तालीम को आम करना है और सबसे मोहब्बत का बर्ताव करना है।
नंबर 12 हमें यह भी ख्याल रखना चाहिए कि जब हम मैदान में निकलकर या रसूलुल्लाह का नारा बुलंद करते हैं तो हम सब की निगाहों का मर्कज होते हैं लोग कहते है मुस्तफा के गुलाम अपने आका की पैदाइश की खुशियां मना रहे हैं इसलिए हमें कोई ऐसा काम नहीं करना चाहिए जो हमारी वजह से हमारे दीन की रुस्वाई का सबब बने ।
साथ ही हमारे हम वतनी भाइयों का भी त्यौहार चल रहा है हमें उसका भी ख्याल रखना होगा
इस मौके पर मुख्य रूप से शहर काजी कानपुर मुफ्ती साकिब अदीब मिस्बाही कारी मोहम्मद सगीर आलम हबीबी नायब शहर काजी कानपुर महबूब आलम खान महामंत्री कुल हिंद जमीअतुल आवाम सरताज भैया मोहम्मद लाईक अत्तरी आरजू अत्तरी नूर आलम अत्तरी मोहम्मद रिजवान अत्तरी मोहम्मद नदीम अत्तरी अफरान अत्तरी आदि लोग मौजूद रहे।