ज़रा अदब से उठाना इन बुझे दियों को,इन्होंने रात सबको रौशनी दी थी

ज़रा अदब से उठाना इन बुझे दियों को,
इन्होंने रात सबको रौशनी दी थी ।।
गंगा पूजे यमुना को, यमी पूजे यमराज को ।
सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे
मेरे भाई आप बढ़ें, फूले-फलें ।।
इस मंत्र के वाचन और कामना के साथ
बहने भाईयों का टीका लगाएं ।
चित्रगुप्त प्राकट्य दिवस व भाईदूज
की आपको सपरिवार हार्दिक मंगलकामनाएं
“स्वस्थ तन”,  “संतुष्ट मन”  खुशहाल
परिवार के साथ आपसे स्वस्थ सम्बन्ध ही
हमारा सबसे बड़ा धन है ।
उन सम्बन्धों को सदैव शत-शत नमन ।
उम्मीदों से भरी नईसुबह में आपका स्वागत है
ये सूर्योदय आपके जीवनमें खुशी व समृद्धि
लाए ।
( अनूप किशोर त्रिपाठी की कलम से )

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