संवाददाता:अजय पांडे यमुना नदी प्रतापपुर लालापुर प्रयागराज
नाव को रस्सी के सहारे पार करना मौत को दावत देने का खेल बदस्तूर जारी
प्रयागराज जनपद के बारा तहसील क्षेत्र के अंतर्गत दो जनपदों को जोड़ने वाला यमुना नदी में अभी तक पीपा का पुल ना बनना सिस्टम पर सवालिया निशान उठना लाजमी है। जनपद के यमुनानगर प्रतापपुर यमुना नदी घाट से कौशांबी जिले के जोड़ने वाले घाट को मां मसूरियन धाम मेला प्रारंभ होने से पहले ही बन जाया करता था, प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मार्गशीर्ष के पावन महीने में चलने वाले मेले का आगाज तो हुआ मगर श्रद्धालुओं को मां के दरबार तक पहुंचने के लिए अपनी जान को भी जोखिम में डालना पड़ रहा है। अगर बात की जाए मेले तक पहुंचने के लिए तो कौशांबी जनपद से यमुना नदी पर बने पीपा का पुल से दूरी बहुत कम हो जाती थी मगर पीपा पुल न बनने की वजह से लोगों को नाव के सहारे यमुना नदी पार करना जान जोखिम में डालना है।क्षमता से अधिक नाव पर दो पहिया वाहन का भार लादकर अंजाम दिया जा रहा है किसी की भी जान चली जाए इससे ठेकेदार को कोई फर्क नहीं पड़ता है। नाव को रस्सी के सहारे लोगों को नदी पार कराना मौत को दावत देने के बराबर है। ऐसे में श्रद्धालुओं को प्रयागराज की 100 किलोमीटर की परिक्रमा करके मसूरियन धाम पहुंचने के लिए दूरी तय करनी पड़ती है। जब कि मां मसूरिया धाम मेले का आगाज बीते 15 नवंबर 2024 से ही हो चुका है मगर अभी तक यमुना नदी में पीपा का पुल नहीं बनने से लोगों को भारी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है। नाव को रस्सी के सहारे यमुना नदी पार करना मौत को दावत देने का खेल बदस्तूर जारी है।