पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली समझने आए भोपाल से अधिकारी


कानपुर
संवाददाता मनीष गुप्ता
-भोपाल में भी लागू हुई पुलिस कमिश्नरेट
-आइपीएस अधिकारियों ने आकर समझा
-दंडाधिकारी और न्यायालय के अधिकार जाने
-डीसीपी ईस्ट, एडीसीपी और एसीपी कार्यालय भी देखे

कानपुर: पुलिस जब कमिश्नरेट प्रणाली में होती है तो कैसे काम करती है। कमिश्नरेट में कौन से अधिकार पुलिस को अतिरिक्त मिल जाते हैं। न्यायालय के जो भी अधिकार होते हैं उनका इस्तेमाल कैसे किन-किन मामलों में और कैसे कर सकते हैं। दंडाधिकारी के दायित्व का कैसे निर्वहन किया जाता है। सीआरपीसी की धाराएं कैसे लागू की जाती हैं। इन समेत तमाम प्रश्नों के उत्तर खोजने के लिए भोपाल से पुलिस अधिकारियों का एक दल गुरुवार को शहर पहुंचा।

मध्यप्रदेश के भोपाल में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली हाल ही में लागू की गई है। वहां के अधिकारियों का एक दल गुरुवार को शहर पहुंचा। शहर आने के बाद अधिकारियों ने डीसीपी, एडीसीपी, एसीपी के कार्यालयों में जाकर उनके काम का विभाजन और कार्यप्रणाली समझी। इसके बाद दंडाधिकारी और न्यायालय के परिचालन की व्यवस्था को समझा। सीआरपीसी और आइपीसी की धाराएं कमिश्नरेट प्रणाली में किस प्रकार से इस्तेमाल की जाती हैं आदि की जानकारी ली। शाम चार बजे पुलिस लाइन सभागार में अधिकारियों के साथ एक बैठक हुई। बैठक में अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था आकाश कुलहरि, अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय व अपराध आनंद प्रकाश तिवारी ने भोपाल से आए पुलिस अधिकारियों के मन में पुलिस कमिश्नरेट को लेकर उठने वाले प्रश्नों के उत्तर दिये।

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