खुश रहने के लिए योग-प्राणायाम अवश्य करें – डॉ विजया पांडेय

  • योग व प्राणायाम शरीर की अंदरूनी शक्ति और प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ाने और गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने में निभाते है महत्वपूर्ण भूमिका
  • वर्तमान में अनेकों वैश्विक वैज्ञानिकों के अध्ययन बताते है कि ध्यान लगाने से मिलता है कई प्रकार की मानसिक बीमारियों से छुटकारा

बागपत, उत्तर प्रदेश। विवेक जैन।

बागपत के बड़ौत नगर में रहने वाली डॉ विजया पांडेय प्राकृतिक चिकित्सा, योग-प्राणायाम आदि के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है और लोगों को इन्हें अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है। वह पुरातन भारतीय चिकित्सा पद्धति की प्रबल समर्थक मानी जाती है। डॉ विजया पांडये बताती है कि वर्तमान समय में हमें प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति को अपनाने की नितान्त आवश्यकता है। यह पूर्णतया प्रकृति के विभिन्न घटकों पर आधारित साइड़ इफैक्ट रहित चिकित्सा पद्धति है। बताया कि खुश रहने के लिए नियमित रूप से योग-प्राणायाम अवश्य करें। योग व प्राणायाम शरीर की अंदरूनी शक्ति और प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ाने के साथ-साथ गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है। कहा कि अनेकों वैश्विक स्तर के वैज्ञानिक अनुसंधानों में यह सिद्ध हो चुका है कि ध्यान लगाने से विभिन्न प्रकार की मानसिक बीमारियों से छुटकारा संभव है। डॉ विजया पांडेय ने बताया कि वर्तमान में नियमित जल नेति, रबड़ नेति, योग व प्राणायाम को अपनाकर कोरोना बीमारी का असर काफी हद तक कम किया जा सकता है। कहा कि हमारे प्राचीन शास्त्रों में प्राकृतिक चिकित्सा के बारे में विस्तार से अनेकों गंभीर बीमारियों के ईलाज के बारे में बताया गया है। कहा कि मृत्यु शैय्या पर लेटे लक्ष्मण जी को संजीवनी बूटी द्वारा सही किया जा सका था जो यह सिद्ध करने के लिए काफी है कि प्राकृतिक चिकित्सा में गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज संभव है। कहा कि समय के साथ कुछ जानकारियां विलुप्त हो गयी है। बताया कि प्रकृति में मौजूद अनेकों स्वास्थ्यवर्धक औषधियों की खोज निरंतर जारी है और विश्व के अनेकों विशेषज्ञों द्वारा इस क्षेत्र में लगातार अनुसंधान कार्य किये जा रहे है।

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