ज्ञानवापी में मौजूद है एक और शिवलिंग,दीवारों पर कमल और घंटियों के बने हैं चित्र,पूर्व महंत का दावा

वाराणसी।ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने से मिले शिवलिंग के बाद ये मामला काफी गर्म है।इसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है कि इस बीच एक नया मामला फिर सामने आ गया है।काशी विश्वनाथ मंदिर के एक पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने शनिवार को कहा कि उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद की पश्चिमी दीवार पर एक शेल्फ में एक छोटा शिवलिंग देखा था। उन्होंने सक्षम और संबंधित अधिकारियों से इसे देखने के लिए कहा है।

अंजुमन इंतिज़ामिया मस्जिद (एआईएम) के प्रबंधन समिति के एक पदाधिकारी ने पूर्व महंत के बयान को निराधार बताया है।पूर्व महंत का बयान अदालत द्वारा नियुक्त आयोग द्वारा परिसर के एक सर्वेक्षण के दौरान मस्जिद के एक तालाब में एक शिवलिंग जैसी संरचना की कथित खोज के बाद आया था। जहां नमाज़ से पहले वजू या स्नान किया जाता था।

वीडियो सर्वेक्षण का आदेश पिछले साल अप्रैल में पांच महिलाओं द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर रखी गई देवी श्रृंगार गौरी की मूर्ति की अप्रतिबंधित दैनिक पूजा की मांग के एक मुकदमे के बाद दायर किया गया था। एक अन्य तस्वीर में कुछ बच्चों को ज्ञानवापी परिसर के उस हिस्से में खेलते देखा जा सकता है जहां श्रृंगार गौरी का मंदिर स्थित है।

पूर्व महंत ने दावा किया कि एक अन्य तस्वीर में ज्ञानवापी ढांचे की पिछली दीवार साफ दिखाई दे रही है, जो किसी प्राचीन मंदिर की लगती है।ज्ञानवापी का अर्थ है ज्ञान का कुआं।

पूर्व महंत ने कहा कि इस तालाब के पीछे नंदी और हनुमान की मूर्ति दिखाई दे रही है, जिसे स्वयं भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से बनवाया था। इसमें स्नान करने के बाद देवी पार्वती भगवान विश्वेश्वर की पूजा करती थीं। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण के दौरान मिले शिवलिंग की पूजा लोगों को करने देने के लिए वह सोमवार को याचिका दायर करेंगे।(@crime100news)

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