संवाददाता सरवर आलम
हमीरपुर।बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले में अभी तक मानसून के बदरा नहीं बरसे है।बारिश केवल बूंदाबांदी तक ही सीमित रही है।बारिश न होने से खरीफ की फसल की बुवाई नहीं हो पा रही है।खरीफ की फसल में उरद,तिल,धान, मूंग,अरहर और ज्वार आदि की फसलें पैदा होती हैं।धान की रोपाई में भी देरी हो रही है और किसानों के सामने खरीफ की फसल पैदा ना होने से भुखमरी का संकट खड़ा हो गया है।
बारिश न होने के कारण खेत सूखे और खाली पड़े हैं।पिछले साल इन्हीं खेतों में बखराई और बुआई होती रहती थी।खेतों में रौनक रहती थी और किसानों के चेहरे पर खुशी दिखाई देती थी,लेकिन इस साल मानसून के बदरा पिछड़ गए हैं।जिससे किसानों के सामने खरीफ की फसल पैदा न होने के कारण भुखमरी का संकट खड़ा हो गया है।
किसान धनी राम बताते है कि इस समय तक खरीफ की फसल की बुआई हो जानी चाहिए थी। बारिश न होने से बुआई नही हो पा रही है।किसान दुर्गा बताते है कि मूंग,उरद, तिल्ली, ज्वार आदि की फसल नहीं बोई जा सकी है।लोगों को इस साल इन फसलों की भारी किल्लत होगी।
किसान राम अवतार बताते है कि जब फसल नहीं होगी तो बच्चों को क्या खिलाएंगे।इस समय मजदूरी भी नहीं मिल रही है।भुखमरी की समस्या पैदा हो जायेगी।राम अवतार आगे बताते है कि बुंदेलखंड इलाके में सिर्फ खरीब और रबी की दो फसले ही पैदा होती है।बारिश की शुरुआत में खरीफ की फसल बोई जाती है जिसमे तिल्ली, ज्वार, मूंग ,उरद, अरहर और धान की फसल बोई और पैदा की जाती है।जब खरीफ की फसल पक कर कट जाती है तब किसान अपने खेतों में रबी की फसल बोते है जिसमे गेंहू,चना,मटर,सरसों,अलसी आदि बोते हैं।इस साल अभी तक बारिश न होने से किसान खरीफ की फसल नहीं बो पा रहे हैं।खेत खाली पड़े हैं और किसानों के सामने एक बार फिर से भुखमरी का संकट खड़ा हो गया है।
आपको बता दें कि बुंदेलखंड के किसानों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं रही है।कभी अधिक बारिश तो कभी सूखा, किसानों का पीछा नहीं छोड़ रहा है।किसान बर्बाद और तबाह हो गया हैं।इस साल फिर से समय से बारिश न होने के कारण खरीफ की फसल पैदा नहीं हो पायेगी।किसान एक बार फिर बर्बादी और तबाही के मुहाने पर खड़ा हो गया हैं।