रामपुर।हरदोई जेल से रिहा होने के बाद समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम की खामोशी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।अब्दुल्ला के सियासी भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि अब्दुल्ला जल्द ही सीतापुर जेल में बंद पिता आजम खान से मिलकर अपने राजनीतिक भविष्य पर कोई फैसला ले सकते हैं।उम्मीद है कि जल्द ही पिता पुत्र की मुलाकात हो सकती है।
अब्दुल्ला आजम दो जन्म प्रमाणपत्र समेत 42 मामलों में कोर्ट से जमानत पर रिहा हो चुके हैं।अब्दुल्ला लगभग 16 महीने तक हरदोई जेल में रहे। हालांकि रिहाई के बाद से लेकर अब तक अब्दुल्ला ने अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है।अब्दुल्ला अपने करीबियों से रोज मिल रहे हैं,लेकिन अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में किसी को भी कुछ नहीं बता रहे हैं।मीडिया के सामने भी अब्दुल्ला की खमोशी अभी भी तक जारी है।अब्दुल्ला की यह खमोशी कहीं न कहीं कुछ गुल खिला सकती है।
अब्दुल्ला आजम जल्द ही सीतापुर जेल में बंद पिता आजम खान से मुलाकात करने जा सकते हैं।अपने मुकदमों से लेकर राजनीतिक भविष्य को लेकर मंथन कर सकते हैं।पिता आजम खान द्वारा दिए गए राजनीतिक मंत्र के आधार पर ही अब्दुल्ला राजनीतिक भविष्य की तलाश करेंगे।फिलहाल अब्दुल्ला की खामोशी ने राजनीतिक दलों के नेताओं की धड़कनों को तेज कर दिया है। राजनीतिक दलों के नेता अब्दुल्ला के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं।
सीतापुर जेल में बंद सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान से आजाद समाज पार्टी के मुखिया नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद की बीते साल हुई मुलाकात भी चर्चा का विषय बनी हुई है।आजम और चंद्रशेखर के बीच हुई मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई थी।चर्चा थी कि आजम कोई बड़ा राजनीतिक फैसला ले सकते हैं।हालांकि चंद्रशेखर ने उस समय महज औपचारिक मुलाकात बताकर मामले को टालने की कोशिश जरूर की थी।
आजम खान और उनके परिवार पर आए संकट के बाद से सपा खेमे में छाई खामोशी भी आजम और उनके समर्थकों में नाराजगी का मुख्य कारण माना जा रहा है। आजम समर्थक लगातार सपा मुखिया अखिलेश यादव को इसको लेकर निशाना बना चुके हैं।लोकसभा चुनाव में भी आजम समर्थकों की नाराजगी दिखी थी।
अब्दुल्ला आजम को जेल से रिहा हुए तीन दिन बीत चुका है। अब्दुल्ला के स्वागत के लिए स्थानीय सपा नेताओं के साथ ही मुरादाबाद से सांसद रुचिवीरा समेत अन्य जिलों के सपा नेता पहुंच रहे हैं,लेकिन रामपुर से सपा सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी अब्दुल्ला से मुलाकात करने के लिए नहीं पहुंचे हैं।इसको लेकर भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा बनी है। नदवी और आजम के परिवार के बीच दूरियां लगातार बनी हुई हैं। सपा से टिकट मिलने से लेकर सांसद बनने तक के सफर में नदवी और आजम के परिवार के बीच दूरियां बनी रहीं।अभी भी यह दूरियां लगातार बनी हुई हैं।आजम समर्थकों ने नदवी के चुनाव का बहिष्कार भी किया था।