लखनऊ।भारतीय जनता पार्टी से पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह को लखनऊ हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है।अदालत ने बृजभूषण के खिलाफ आपराधिक मुकदमे को खत्म कर दिया है।कोर्ट ने यह आदेश मुकदमे को वापस लेने की राज्य सरकार की अर्जी पर दिया।इससे पहले निचली अदालत ने सरकार के मुकदमा वापस लेने संबंधी प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने निचली अदालत के इस आदेश को भी निरस्त कर दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने पूर्व सांसद की याचिका पर दिया।
साल 2024 में बृजभूषण शरण सिंह के विरुद्ध गोंडा जिले की नगर कोतवाली में आईपीसी की धारा 188 और 341 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। बृजभूषण पर आरोप था कि उन्होंने सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन करते हुए लोक सेवक के घोषित आदेश की अवहेलना की और सदोष अवरोध (बाधा) उत्पन्न किया।इस मामले में पुलिस ने विवेचना कर बृजभूषण के खिलाफ निचली अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। इसका संज्ञान लेते हुए गोंडा के एसीजेएम प्रथम ने 22 जनवरी 2018 को बृजभूषण को हाजिर होने के लिए समन जारी किया था।
बृजभूषण ने आरोप पत्र और समन आदेश को पहले भी हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर 20 अगस्त 2022 को हाईकोर्ट ने लोक सेवक के आदेश की अवहेलना के आरोप को निरस्त कर दिया था। साथ ही निचली अदालत को आदेश दिया था कि यदि याची अपराध स्वीकार करता है तो उसे कारावास की सजा देने के बजाय सिर्फ जुर्माना लगाकर कार्रवाई को समाप्त कर दिया जाए।