प्राथमिक विद्यालय नौड़िया में शिक्षालय के शौचालय के ऊपर फहराया जा रहा राष्ट्रीय ध्वज

(सुर्ख़ियों में लगातार एक वर्षों तेजी से चल रहता प्राथमिक विद्यालय नौड़िया तरहार)

(अध्यापकों पर कार्यवाही करने से क्यों कतरा रहे बीएसए प्रयागराज)

संवाददाता-अजय पांडे प्रयागराज

प्रयागराज: जहां पूरा देश आजादी के जश्न में सराबोर था। वहीं जनपद प्रयागराज के विकासखण्ड शंकरगढ़ अन्तर्गत प्रथामिक विद्यालय नौड़िया तरहार में विद्यालय के अध्यापकों द्वारा प्रधान पति को मुख्य अतिथि बनाकर ज्ञान का मन्दिर कहा जाने वाला शिक्षालय भवन पर तिरंगा न फहरा कर शौचालय के ऊपर तिरंगा को लगाकर राष्ट्रीय ध्वाजारोहण किया गया। विद्यालय में तिरंगे का उन सभी अध्यापकों द्वारा घोर अपमान और निंदनीय कार्य किया गया है। यह घटना हर देशभक्त का दिल दहला देने वाली घटना घटित हुई है। तिरंगा अपमान के नजारे को जब गांव के लोगों ने देखा तो जमकर सोशल मीडिया पर वायरल किया। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि यह न तो केवल राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया गया है बल्कि भारत मां के उन वीर शहीदों का अपमान किया है,जो तिरंगे को प्राप्त करने के लिये भारत मां के न जाने कितने सपूतों ने अपने आपको जान की बाजी लगाकर न्योछावर कर दिया है। उन शहीदों की कुर्बानी की धज्जियां उड़ाते जीता जागता उदाहरण प्राथमिक विद्यालय नौड़िया तरहार में दिखायी दे रहा है। ध्वजारोहण कार्यक्रम के पूरे आयोजन में प्राथमिक विद्यालय नौड़िया तरहार के शिक्षक,शिक्षकायें व ग्राम प्रधान के पति भी मौजूद रहे। फिर भी शिक्षको ने इस शर्मनाक कृत्य को रोकने के बजाय खुद अंजाम दिया। ग्रामीणों का कहना है कि जिन पर बच्चों को देश का सम्मान सिखाने की जिम्मेदारी दी गयी हैं। वे खुद ही तिरंगे के अपमान में शामिल पाये गये हैं। यह शिक्षा को कलंकित करने वाली घटना है गांव के बुजुर्गो ने कहा कि शिक्षक समाज का मार्गदर्शक होता है। यहां तो मार्गदर्शक ही अपना रास्ता भटक गये। नवयुवकों ने सवाल उठाया कि जब शिक्षक ही राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान नहीं करेंगे तो बच्चों में देश प्रेम की भावना कैसे पनपेगी। ग्रामीणों ने कहा कि यह सिर्फ लापरवाही नहीं बल्कि सोच और जिम्मेदारी दोनों का दिवालियापन है। कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार इस तरह का कृत्य राष्ट्रीय ध्वज संहिता  और भारतीय दंड संहिता की धाराओं का गंभीर उल्लंघन है इसमें दोषियों पर जुर्माना जेल की सजा और गंभीर मामलों में देशद्रोह तक का मुकदमा दर्ज होना नितांत आवश्यक है। यह अपराध किसी भी सूरत में मामूली नहीं माना जा सकता ग्रामीणों ने मांग की है कि दोषी शिक्षकों को तत्काल निलंबित किया जाए और उनके खिलाफ कठोर विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी की जाय। ताकि भविष्य में कोई शिक्षक राष्ट्रीय ध्वज इस तरह अपमान करने की जुर्रत न कर सके। तिरंगा केवल कपड़े का टुकड़ा नहीं बल्कि राष्ट्र की अस्मिता शौर्य और बलिदान का प्रतीक है। राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को हल्के में लेना पूरे देश का अपमान है। ग्राम सभा नौड़िया तरहार के प्राथमिक विद्यालय में हुई यह घटना न केवल कानून के खिलाफ है बल्कि शिक्षा की मूल आत्मा और देशभक्ति के आदर्श पर गहरी चोट है। दोषी अध्यापकों को सख्त सजा देकर ही शहीदों की कुर्बानी एवं राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान और आने वाली पीढ़ियों को संदेश दिया जा सकता है। भविष्य में कोई विद्यालय ऐसी गलती करने की जुर्रत नहीं करेगा। देखना यह है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी राष्ट्रीय ध्वज  अपमान करने वाले अध्यापकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करेंगे या इसे ठंडे बस्ती में डाल देंगे।
*यथोचित स्थल पर ध्वजारोहण नहीं किया गया उन सब लोगों पर कार्यवाही की जायेगी*      अखिलेश वर्मा
         खण्ड शिक्षाधिकारी शंकरगढ़
*इस सम्बन्ध में जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात हुई तो उन्होंने कहा कि मामला हमारे संज्ञान में है B.O. से जांच करवा कर जो रिर्पोट आती है दोषी अध्यापकों पर कार्रवाई की जाएगी।*
*देवव्रत द्विवेदी*
*जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी*

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