महिलाओं में बांझपन के प्रमुख कारणों में से एक है पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) एक हार्मोनल विकार है

कानपुर ISOPARD श्रीसाइटी कानपुर ओएनी सोसाइटी के तत्वाधान में एक गोष्वी का आयोजन दिनांक 26 अप्रैल 2025 को होटल विजप इंटरकांटिनेंटल में किया जिसमें महत्वपूर्ण विषय PCOD जैसी बीमारी के इलाज पर लखनऊ से आई डॉ. सुनीता बन्द्रा तखनऊ ओक्स एंड गाइनी सोसाइ‌टी की अध्यक्ष ने व्याखान दिया।

डॉ. नीलम मिश्रा प्रेसिडेंट ISOPARB सोसाइटी, कानपुर ने इसके लक्षण पर विचार डाला अनियमित पीरियड्‌स के साथ भारी ब्लीडिंग (गर्भाशय के अस्तर का लंबे समय तक निर्माण होना।। पुरुष हार्मोन के उन्न स्तर की उपस्थिति से चेहरे, पीठ और सीने पर अतिरिक्त बाल आना।

कजन बढ़ना तथा त्वचा में पिगमेंटेशन होने का गठन जो इंसुलिन प्रतिरोध के कारण होता है और प्राप पीसीओएस के साथ होता है। अन्य लक्षणों में सिरदर्द और मुहासे भी शामिल हैं।

डॉ. सुनीता बंद्र ने बताया पीसीओएस का उपचार में पीड़ित को पीरियड्स नियमित करने के लिए बर्थ कंट्रोल गोलिया दी जाती हैं। यह इसुलिन प्रतिरोध और कोलेस्ट्रॉल का मुकाबला करने के साथ दी जाने वाली दवा है। लाइफस्टाइल परिवर्तन और हार्मोनल थेरेपी से भी पीसीओएस से निपटा जा सकता है। अगर महिला का वजन ज्यादा है तो वजन कम करने से बहुत फायदा होता है जिसमे बेरिएट्रिक सर्जरी शामिल है।

डॉ. किरन सिन्हा ने बताया दुर्भाग्यवश, पीसीओएस के लिए अभी तक कोई विशिष्ट इलाज नहीं है। दवा और जीवनशैली में परिवर्तन के माध्यम से हार्मोन के असंतुलन को ठीक करने से गर्भवती होने की संभावना बढ़ सकती है। इनके प्रभाव सभी पर अलग-अलग हो सकते है।

Endometriosis जैसी बीमारी के विषय में शिवानी हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड की डायरेक्टर डॉ. राशी मिश्रा ने बताया।

एडोमेट्रियोसिस गर्भाशय (Uterus) में होने वाली समस्‌या है। जिसमें एंडोमेट्रियल टिशूओं में असामान्य बढ़ोतरी होने लगती है और वह गर्भाशय से बाहर फैलने लगते हैं। कभी कभी तो एडोमेट्रियम की परत गर्भाशय की बाहरी परत के अलावा अंडाशय पानि ओवरी, आंतो और अन्य प्रजनन अंगों (Reproductive Organs) तक भी फैलने का खतरा बना रहता है। एंडोमेट्रियोसिस फैलोपियन ट्यूब, ओवरी, लिम्फ नोड्स और पेरिटोनियम को प्रभावित कर सकता है। आमतौर पर, गर्भाशय में मौजूद एंडोमेट्रियल टिशू पीरियड्स के दौरान बाहर निकल जाते है. लेकिन जब ये किसी और अंग में होते है तो बाहर नहीं निकल पाते है। ऐसे में पदि उनका आकार बड़ा हो जाए, तो वे शरीर की कार्यप्रणाली को प्रभावित करते हैं।

एडोमेट्रियोसिस के लक्षण ,पीरियड्स में दर्द ज्यादा होना, बिना पीरियड्स के श्रोणि के हिस्से में दर्द होना,,सेक्स में दर्द होना,,बाँझपन,,धकान,,खून की कमी व कमजोरी
निदान – एंडोमेट्रियोसिस

मेडिकल व सर्जिकल ट्रीटमेट या विकलम द्वारा सहीं किया जा सकता है

डॉ. मीरा अग्निहोत्री ISOPARB सोसाइटी की पैट्रन ने बताया PCOS / PCOD के रूप में भी जाना जाता है, यह महिलाओं में बांझपन के प्रमुख कारणों में से एक है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) एक हार्मोनल विकार है जो संतान की इच्छा रखने वाली महिला की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है। पीसीओएस लगभग 15 से 40 वर्ष के दौरान होता है, महिला के अंडाशय को प्रभावित करता है इसमें महिला का अंडा समय पर बनकर फूट नहीं पाता जिससे गर्भधारण करना मुश्किल होता है।

एडोमेट्रियोसिस का इलाज

स्वास्थ्य स्थिति की गभीरता और रोगी के रामप वास्ष्य के आधार पर उपचार दवाए और सर्जरी शामिल हो सकती है। विभि उपचार विधियों में शामिल हो सकते हैं।

दर्द की दवाएं – दर्दनाक मासिक धर्म ऐठन को कम करने के लिए डॉक्टर NACID जैसे दर्द निवारक दवाओं का उपयोग करने की सताह दे सकते हैं।

हार्मोन धेरेपी- पदि रोगी गर्भवती होने की कोशिया नहीं कर रही है तो हार्मोनल चेरेपी की सिफारिश की जाती है। हामौनत दवाए एडोमेट्रियत ऊतक के विकास को धीमा कर सकती है और नए एंडोमेट्रिपल ऊतक प्रत्यारोपण के गठन को रोक सकती है। एडोमेट्रियोसिस के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली विभिन्न हार्मोन घेरेपी है।

प्रोजेस्टिन चेरेपी प्रोजेस्टिन धेरेपी जैसे अंतर्गर्भाशयी डिवाइस (आईयूडी), गर्भनिरोधक इंजेक्शन, गर्भनिरोधक प्रत्यारोपण, या प्रोजेस्टिन गोली का उपयोग मासिक धर्म की अवधि और एडोमेट्रिपल प्रत्यारोपण के विकास को रोक सकता है।

गोनेडोट्रोपिन – रिलीज करने वाले एगोनिस्ट और विरोधी ये दवाए एस्ट्रोजन के स्तर को कम करने, डिम्बग्रधि-उत्तेजक हामौन के उत्पादन को अवरुद्ध करने और मासिक धर्म को कृत्रिम रजोनिवृत्ति बनाने से रोकने में मदद करती है। एक बार जब आप इन दवाओं को सेना बद कर देते हैं तो पीरियड्स फिर से शुरू हो जाते है। जिसमे खाने वाली दवा जैसे भी शामिल है

एरोमाटेज इनहिबिटर – पे दवाए मारीर में एस्ट्रोजन के सार को कम करती है।

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एंडोमेट्रियोसिस का सर्जिकल इलाज

अहाशय और गर्भाशय को संरक्षित करते हुए एडोमेट्रियोसिस प्रत्यारोपण को हटाने के लिए डॉक्टर सर्जरी कर सकते है। इससे एडोमेट्रियोसिस वाली महिला में सफलता की संभावना बढ़ जाती है जो गर्भवती होने की कोशिश कर रही है।

प्रजनन उपचार एडोमेट्रियोसिस से गर्भधारण करने में कठिनाई हो सकती है। डॉक्टर अधिक अहे पैदा करने के लिए अंडाशय की उत्तेजना या इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (जिसमें एक अंडा और एक शुक्राणु शरीर के बाहर संयुक्त होते हैं. और फिर एक महिला के बशरीर में पेश किए जाते हैं। जैसे प्रजनन उपचार की सिफारिश कर सकते हैं।

डॉक्टर मीरा अप्रिहोत्री ISOPARB सोसाइटी की पैट्रन, डॉ नीलम मिश्रा प्रेसिडेंट ISOPARB सोसाइटी, कानपुर, सचिव डॉ किरन सिन्हा, वित्त सचिव हो विनीता अवस्थी, डॉ कल्पना दीक्षित अध्यक्ष KOGS, सचिव डॉ रेश्मा निगम, डॉ रेनू गुप्ता विभाग अध्यक्ष डॉ नीना गुप्ता, डॉ रश्मि सूरी, डॉ नीना सिंह, डॉ शालिनी त्रिवेदी, डॉ संगीता आई, डॉ मनीषा अग्रवाल, डॉ मनजूतिका बाजपेई, आदि उपस्थित थी

बड़ी संख्या में स्त्री रोग विशेषज्ञ भी उपस्थित थी। गोष्टी का संचालन डॉ किरन सिन्हा और डॉ विनीता अवस्थी द्वारा किया गया।

डॉ मीरा अग्निहोत्री और डॉ नीलम मिश्रा द्वारा महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार साझा किये।

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