जनपद उन्नाव:- मनीष गुप्ता



ख़बर उन्नाव से है जहां एक प्रेस वार्ता के दौरान शैवाचार्य प्रशांत प्रभु महाराज ने प्रदेश और जनपद की सामाजिक, धार्मिक तथा राजनीतिक स्थिति पर तीखे शब्दों में अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वे हाल ही में उन्नाव, पीलीभीत और अन्य जिलों में भ्रमण पर रहे और जनता में गहरी नाराजगी पाई। उन्होंने खासतौर पर पुलिस प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।
बता दे कि प्रशांत प्रभु महाराज ने कहा कि “पीलीभीत जैसे जिलों में पुलिस थानों में बीजेपी विधायकों की भी सुनवाई नहीं हो रही है, यह स्थिति अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।” हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि वे अपनों के साथ खड़े हैं, क्योंकि “अपनों की निंदा करके ही उन्हें सुधारा जा सकता है।” उन्नाव के संदर्भ में बोलते हुए उन्होंने स्लाटर हाउस की मौजूदगी को सबसे बड़ी विडंबना बताया। उनका कहना था कि “यह वही भूमि है जहां सीता जी का समापन स्थल माना जाता है, ऐसी पवित्र भूमि पर गाय काटने के कारखानों का चलाया जाना न केवल धार्मिक भावनाओं का अपमान है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत के भी खिलाफ है।” उन्होंने उन्नाव में प्रदूषित पानी की समस्या को लेकर भी चिंता जताई। उनके अनुसार इंडरगो फैक्ट्री से लेकर मसवासी क्षेत्र तक के लोग गंदे और जहरीले पानी से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि हर घर में दूषित जल पहुंच रहा है और यह जलजनित बीमारियों को निमंत्रण दे रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब लोग बुनियादी जरूरतों से ही जूझ रहे हैं, तो जनप्रतिनिधि चुप क्यों हैं? प्रशांत प्रभु महाराज ने स्थानीय सांसदों और विधायकों को आड़े हाथों लेते हुए चेतावनी दी कि “अगर वे वाकई जनता के सेवक बनकर रहना चाहते हैं, तो उन्हें इन समस्याओं पर तुरंत विचार करना होगा।” उन्होंने आगाह किया कि अगर यही हाल रहा तो आने वाले चुनावों में लोग ‘नोटा’ का बटन दबाकर ‘हर हर महादेव’ का नारा लगा सकते हैं।