सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी

-फर्जी कॉल लेटर, जॉइनिंग लेटर व अन्य प्रपत्र भी तैयार करते थे -ऑर्डिनेंस फैक्टरी का कर्मचारी भी ठगी के गैंग में शामिल – रेलवे, ऑर्डिनेंस, आर्मी, एयरफोर्स, सचिवालय में नौकरी का झांसा -उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों के युवा बने शिकार -झांसा देने के लिये अर्मापुर मैदान में ट्रेनिंग भी दिलाते थे – एक बेरोजगार से तीन से पांच लाख रुपये की करते थे वसूली

कानपुर। सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग को क्राइम ब्रांच ने दबोच लिया है। गैंग बेरोजगारों को झांसा देने के लिए फर्जी प्रपत्र भी बनाकर देता था ताकि लोगों को शक न हो। क्राइम ब्रांच ने गिरोह के 6 सदस्यों को दबोच लिया है। पकड़े गए अभियुक्तों से पुलिस पूछताछ कर रही है।

ऐसे खुला मामला

थाना चकेरी निवासी प्रिया निशाद ने पुलिस को बताया स्वरूप नगर निवासी अंकुर वर्मा ने जुलाई 2020 में रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर मुझसे चार लाख रुपये लिए थे। इसके बदले मुझे आई कार्ड व ज्वाइनिंग लेटर भी दिया था साथ ही कहा था कि कोरोना खत्म होने के बाद ज्वाइनिंग हो जाएगी। लेकिन जब मैं नोर्थ सेन्ट्रल रेलवे में ज्वाइन करने पहुँची तो सारा मामला फर्जी निकला।

पद के हिसाब से तय था पैसा

ठगी करने वाला गिरोह आर्मी, नेवी, एयर फोर्स, सचिवालय, रेलवे, सीबीआई, पुलिस, ऑर्डिनेस आदि विभागों में नौकरी लगवाने के नाम पर बेरोजगार युवकों को झांसे में लेता था। इसके लिए अलग-अलग पद के लिए अलग रेट तय कर रखे थे। चपरासी से लेकर अफसर तक तीन लाख से दस लाख रुपये तक के रेट तय कर रखे थे।

कई राज्यों में है ठगी का नेटवर्क

ठगी करने वाले गैंग के तार न केवल यूपी में बल्कि पंजाब और हरियाणा राज्यों में भी फैले हैं। गैंग अपने सदस्यों के माध्यम से अब तक सैकड़ों लोगों को चूना लगा चुका है। गैंग के गुर्गों ने ठगी का •जाल लोगों के माद्यम से और सोशल नेटवर्क से फैला रखा था। अभियुक्त सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव थे।

आधा दर्जन अभियुक्त पकड़े

अभियुक्तों की पहचान अशोक कुमार निवासी टीपी नगर, महताब अहमद निवासी आईआईटी गेट कल्याणपुर, धर्मेन्द्र कुमार निवासी मसवानपुर कल्याणपुर, अंकुर वर्मा निवासी राजपुरवा नियर जेके टेम्पल, अक्षय सिंह निवासी नानकारी आईआईटी, प्रदीप सिंह निवासी अर्मापुर कानपुर के रूप में हुई। इसमें प्रदीप सिंह आर्डिनेन्स फैक्ट्ररी कर्मचारी है।

धोखा देने के लिए कराते थे ट्रेनिंग

आर्डिनेन्स फैक्ट्ररी कर्मचारी प्रदीप सिंह लोगो को धोखा देने के लिए नियुक्ति पत्र देकर उन्हें ट्रेनिंग पर अर्मापुर बुला लेता था। यहाँ के आर्मापुर मैदान में लोगो को फिजिकल ट्रेनिंग देता था ताकि किसी को भी गैंग द्वारा की जा रही ठगी का अहसास ना हो सके।

यह हुई बरामदगी

चार सेवा पुस्तिका, कुछ अभ्यार्थियों के आधार कार्ड व शैक्षिक प्रमाणपत्रों की छाया प्रति, फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के फर्जी प्रमाण पत्र ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के फर्जी प्रपत्र, आर्मी के फर्जी प्रपत्र इंडियन रेलवे के फर्जी प्रपत्र, भारतीय खाद्य निगम के फर्जी प्रपत्र, विभिन्न विभागों के फर्जी आईकार्ड व मोहरे, दो हार्ड डिक्स जिसमें संपूर्ण डेटा

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